ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर किया हमला, जैश और लश्कर के अड्डे तबाह।

Pushpendra Singh
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नई दिल्ली, 7 मई 2025: भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस सैन्य कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविर तबाह कर दिए गए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे।

ऑपरेशन सिंदूर: हमले का विवरण

भारतीय सेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से मंगलवार देर रात करीब 1:44 बजे इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हमले में निम्नलिखित 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया:

1.    बहावलपुर (पंजाब): जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, मरकज सुभान अल्लाह।

2.    मुरीदके (पंजाब): लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य प्रशिक्षण शिविर, मरकज तैयबा।

3.    मुजफ्फराबाद (पीओके): लश्कर का शवाई नल्ला कैंप और जैश का सैयदना बिलाल कैंप।

4.    कोटली (पीओके): मस्कर राहील शाहिद और अन्य आतंकी शिविर।

5.    गुलपुर (पीओके): आतंकी प्रशिक्षण केंद्र।

6.    भीमबर (पीओके): हिजबुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर।

7.    चक अमरू (पंजाब): आतंकी ढांचा।

8.    सियालकोट (पंजाब): आतंकी गतिविधियों का केंद्र।

9.    लाहौर (मोहल्ला जोहर): हाफिज सईद का ठिकाना।

ये हमले सटीक और नपी-तुली रणनीति के तहत किए गए, जिसमें ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों के साथ-साथ सुखोई-30 और रफाल फाइटर जेट्स का उपयोग हुआ। खुफिया एजेंसी रॉ ने ठिकानों की सटीक जानकारी प्रदान की, और किसी भी भारतीय विमान ने सीमा पार नहीं की।

पहलगाम हमले का बदला

ऑपरेशन सिंदूर का नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जो पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों की विधवाओं के प्रति संवेदना और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का प्रतीक है। पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों, खासकर पुरुषों को निशाना बनाया था, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गईं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले का जवाब है, बल्कि मुंबई हमले (2008), उरी हमले (2016), और पुलवामा हमले (2019) जैसे पिछले आतंकी हमलों का हिसाब चुकाने का भी प्रयास है।

नुकसान और प्रभाव

सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में 80 से 100 आतंकी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। बहावलपुर में मसूद अजहर का ठिकाना और मुरीदके में लश्कर का कैंप पूरी तरह तबाह हो गया। मुजफ्फराबाद में हमले के बाद बिजली गुल हो गई, और पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल रहा। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने या नागरिक क्षेत्र को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे कार्रवाई को गैर-उकसावे वाला और संयमित बताया गया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने हमलों को "कायरतापूर्ण" करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने समय और स्थान पर जवाब देगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे "युद्ध की कार्रवाई" बताया और जवाबी कार्रवाई का अधिकार होने की बात कही। पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ ने पूरे प्रांत में आपातकाल घोषित कर दिया और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने पहले हमलों से इनकार किया, लेकिन बाद में 6 शहरों में 24 हमलों की बात स्वीकारी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत ने हमले के बाद अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, और अन्य देशों के साथ संपर्क साधकर कार्रवाई की जानकारी साझा की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नियंत्रण रेखा पर सैन्य कार्रवाई को लेकर चिंता जताई।

भारत की स्थिति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा, "न्याय हुआ। जय हिंद!" सेना ने जोर देकर कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान के खिलाफ। पीएम मोदी ने पूरी रात ऑपरेशन की निगरानी की, और सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से इसे अंजाम दिया। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके पास पहलगाम हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की संलिप्तता के पुख्ता सबूत हैं।

ऑपरेशन का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। यह कार्रवाई 2019 के बालाकोट हमले से भी बड़े पैमाने पर थी, जिसमें भारत ने जैश के ठिकानों को निशाना बनाया था। इस बार, हमले में जैश, लश्कर, और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को एक साथ नष्ट किया गया, जो भारत के लिए रणनीतिक जीत है।

आगामी दिनों में भारतीय सेना इस ऑपरेशन पर विस्तृत जानकारी साझा करेगी। श्रीनगर, जैसलमेर, और कश्मीर में भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है, ताकि किसी भी जवाबी कार्रवाई से निपटा जा सके।

 

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